ना चाहते हुए भी स्वीकारते हैं आँखों में पानी भर आँसू पी लेते हैं ना चाहते हुए भी स्वीकारते हैं आँखों में पानी भर आँसू पी लेते हैं
कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम। कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम।
सहनशीलता धरती सी, विशालता अम्बर सी है ..... हां मैं नारी हूं। सहनशीलता धरती सी, विशालता अम्बर सी है ..... हां मैं नारी हूं।
बस नमक बनना चाहती हूं मैं नमक बना चाहती हूं मैं। बस नमक बनना चाहती हूं मैं नमक बना चाहती हूं मैं।
संघर्षों में निखरती रही दुश्वारियों को हराती रहीं। संघर्षों में निखरती रही दुश्वारियों को हराती रहीं।
अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता। अनुपम सौंदर्य समेटे दृष्य, लोचन बसता, हृदय लुभाता।